उसकी आँखों का नशा भी चढ़ता नहीं सिर पर ना हम अब पहले से यू ही गुनगुनाते है उसकी आँखों का नशा भी चढ़ता नहीं सिर पर ना हम अब पहले से यू ही गुनगुनाते है
बस तरसती रही मैं तो इज़हार को बस तरसती रही मैं तो इज़हार को
धुँआ धुँआ सा समां, खुद ही कर बैठे। धुँआ धुँआ सा समां, खुद ही कर बैठे।
वैसे तो मैंने पी नहीं है कभी पर तेरी आँखों ने मुझे गज़ब का पिलाया है , वैसे तो मैंने पी नहीं है कभी पर तेरी आँखों ने मुझे गज़ब का पिलाया है ,
प्यार का नशा, मेरे अंग-अंग में, इस कदर नज़र आ रहा है, मेरा, हर कदम, शराबियों की तरह, लड़ प्यार का नशा, मेरे अंग-अंग में, इस कदर नज़र आ रहा है, मेरा, हर कदम, शराबियों क...
अपने ही क़ातिल को पनाह देकर बैठे हैं टूटे हुए शीशे से ही हम इश्क़ कर बैठे हैं, अपने ही क़ातिल को पनाह देकर बैठे हैं टूटे हुए शीशे से ही हम इश्क़ कर बैठे हैं...